एक देश-एक राशन कार्ड पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा, दिल्ली सरकार पर लगाए ये आरोप
Photo By Jagran
'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना' को लेकर केंद्र व दिल्ली सरकार के बीच टकराव जारी है। केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना' के अनुपालन को लेकर दिल्ली सरकार गुमराह कर रही है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कहा कि जब तक 'वन नेशन वन राशनकार्ड' (One Nation One Ration Card) योजना पूरी दिल्ली में लागू नहीं की जाती, तब तक इसे पूरी तरह से लागू किया जाना नहीं माना जा सकता.
केंद्र ने कहा है कि जब तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी लेनदेन को औपचारिक रूप से दिल्ली के सभी सर्किलों की सभी फेयर प्राइस शॉप (एफपीएस) या उचित मूल्य दुकानों में शुरू नहीं किया जाता है तब तक इसे ' एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना' के कार्यान्वयन के रूप में नही देखा जा सकता है। कहा गया है कि 2000 से अधिक ईपीओएस मशीनों की आपूर्ति की गई है, जो अब तक ऑपरेशनल नहीं हो सका है। ऐसे में यह नहीं माना जा सकता कि दिल्ली में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना लागू हो चुकी है।
प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल रहा लाभ
केंद्र सरकार ने कहा है कि दिल्ली में रहने वाले प्रवासी मजदूरों में से बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सब्सिडी वाले अनाज की पहुंच से दूर हैं। दिल्ली में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना लागू न होने से ये लोग सब्सिडी वाले अनाज का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
देश के 32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में योजना लागू
केंद्र ने यह भी में कहा है कि दिसंबर 2020 तक देश भर के 32 राज्य ब केंद्र शासित प्रदेशों में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना लागू हो चुकी है। यानी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले लाभार्थियों में से 85 फीसदी तक इसका लाभ पहुंचाया जा रहा है।
‘दिल्ली में केवल एक सर्किल सीमापुरी में ही लागू हुई ये योजना’ : केंद्र
शुक्रवार को कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार (Bengal Government) को आदेश देते हुए कहा कि बिना किसी आनाकानी के इस योजना तो तुरंत लागू किया जाए. वहीं, उस दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया था कि दिल्ली में ये योजना लागू कर दी गई है. इस पर केंद्र सरकार ने सोमवार को कोर्ट में बताया कि दिल्ली सरकार ने केवल एक सर्किल सीमापुरी में ही ये योजना लागू की है, जहां केवल 42 ई-पोश मशीन के जरिए प्रवासी मजदूरों को राशन मिला है और इसमें बहुत मामूली ट्रांजैक्शन हुआ है. केंद्र ने कहा कि जब तक ये योजना पूरी दिल्ली (Delhi) में लागू नहीं की जाती, तब तक इसे पूरी तरह से लागू किया जाना नहीं माना जा सकता है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें